jara sar ko jhukao vasudev ji | krishan bhajan

jara sar ko jhukao vasudev ji

हम लखबीर सिंह लक्खा जी का दिल से सम्मान करते है । उन्होंने इतने सुंदर भजनों को अपना स्वर दिया है । जिनको सुन के हमारा मन शांत हो जाता है । हम आपके आभारी हैं।

lyrics

जरा सर को झुकाओ वासुदेव जी,
तेरी टोकरी में त्रिलौकी नाथ है,
चूमने दो चरण मुझे प्रेम से,
आज यमुना की यही फरियाद है,
जरा सर को झुकाओं वासुदेव जी।।

राम बने गंगा तट लांघे,
मारे थे अत्याचारी,
आज ये मुझको पार करेंगे,
मैं हूँ इनकी आभारी,
मेरी बूंद बूंद हरषात है,
छाई काली घटा बरसात है,
चूमने दो चरण मुझे प्रेम से,
आज यमुना की यही फरियाद है,
जरा सर को झुकाओं वासुदेव जी।।

यमुना जी का धीरज टूटा,
उमड़ उमड़ कर आई,
श्याम ने चरण बढ़ाएं आगे,
यमुना जी हरषाई है,
चरणों को लगाइ लीनो माथ है,
प्रभु प्रेम से धरो सिर पे हाथ है,
चूमने दो चरण मुझे प्रेम से,
आज यमुना की यही फरियाद है,
जरा सर को झुकाओं वासुदेव जी।।

चूम लिए प्रभु के चरणों को,
मन ही मन में नमन किया,
वासुदेव जी गोकुल पहुंचे,
खुद ही रस्ता बना दिया,
‘बिन्नू’ जग में हुई प्रभात है,
‘लक्खा’ डरने की ना कोई बात है,
चूमने दो चरण मुझे प्रेम से,
आज यमुना की यही फरियाद है,
जरा सर को झुकाओं वासुदेव जी।।

जरा सर को झुकाओ वासुदेव जी,
तेरी टोकरी में त्रिलौकी नाथ है,
चूमने दो चरण मुझे प्रेम से,
आज यमुना की यही फरियाद है,
जरा सर को झुकाओं वासुदेव जी।।


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